बी ए - एम ए >> फास्टर नोट्स-2018 बी. ए. प्रथम वर्ष शिक्षाशास्त्र प्रथम प्रश्नपत्र फास्टर नोट्स-2018 बी. ए. प्रथम वर्ष शिक्षाशास्त्र प्रथम प्रश्नपत्रयूनिवर्सिटी फास्टर नोट्स
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बी. ए. प्रथम वर्ष (सेमेस्टर-1) शिक्षाशास्त्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-प्रश्नोत्तर
प्रश्न- वैदिक काल में प्रचलित शिक्षा के मुख्य दोष क्या थे?
उत्तर-
वैदिक शिक्षा के प्रमुख दोष
वैदिककालीन शिक्षा में यद्यपि अनेक गुण विद्यमान थे, इसके बावजूद इस शिक्षा प्रणाली में निम्नलिखित दोष भी पाए जाते थे-
1. वैदिककालीन शिक्षा में राज्य का नियन्त्रण या उत्तरदायित्व नहीं था। तत्कालीन शिक्षा व्यवस्था पूर्णत: व्यक्तिगत नियन्त्रण में थी जो पूर्णतः गुरुकुलों तक सीमित थी अतः इससे जन शिक्षा की अवहेलना होती थी।
2. वैदिककालीन शिक्षा में आय की सुनिश्चित एवं विधिवत् व्यवस्था नहीं थी। यद्यपि वैदिककालीन शिक्षा का व्यय राजा, धनी लोग, भिक्षाटन तथा गुरु दक्षिणा से पूरा किया जाता था किन्तु इस सबका कोई निश्चित समय, मात्रा के न होने से असमंजस की स्थिति रहती थी।
3. वैदिककालीन शिक्षा की संरचना अमनोवैज्ञानिक थी। प्राथमिक तथ्य उच्च स्तर की शिक्षा में विभाजित शिक्षा व्यवस्था का वर्गीकरण मनोवैज्ञानिक ढंग से नहीं किया गया था।
4. वैदिककालीन शिक्षा की पाठ्यचर्या अव्यवस्थित तथा अलग-अलग थी। यद्यपि शिक्षा की पाठ्यचर्या अत्यन्त व्यापक थी किन्तु भिन्न-भिन्न गुरुकुलों की पाठ्यचर्या भी भिन्न-भिन्न थी।
5. वैदिककालीन शिक्षा में रटने पर विशेष बल दिया जाता था। यद्यपि उस समय उत्तम शिक्षण विधियों का विकास हो चुका था किन्तु लिखने की समुचित व्यवस्था का अभाव होने के कारण रटने पर विशेष बल दिया जाता था।
6. वैदिककालीन शिक्षा की अनुशासन व्यवस्था अत्यन्त कठोर थी। उस समय अनुशासन से तात्पर्य शारीरिक, मानसिक और आत्मिक तीनों प्रकार के संयम से लिया जाता था। आहार-विहार तथा आचार-विचार की शुद्धता तथा ब्रह्मचर्य व्रत के पालन पर विशेष जोर दिया जाता था।
7. वैदिककालीन शिक्षा में स्त्री शिक्षा की समुचित शिक्षा का अभाव था। यूँ तो वैदिककाल में स्त्रियों की शिक्षा पर रोक नहीं थी तथा कुछ विदुषी महिलाएँ भी थीं किन्तु उनकी संख्या अत्यन्त न्यून थी।
8. वैदिककालीन शिक्षा में धार्मिक शिक्षा पर विशेष बल दिया जाता था। वैदिककालीन शिक्षा धर्म प्रधान एवं कर्मकाण्ड पर आधारित थी जिसे एक वर्ग विशेष के लोगों का एकाधिकार माना जाता था।
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- प्रश्न- वैदिक काल में गुरुओं के शिष्यों के प्रति उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा में गुरु-शिष्य के परस्पर सम्बन्धों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक शिक्षा व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में सुधार हेतु यह किस सीमा तक प्रासंगिक है?
- प्रश्न- वैदिक शिक्षा की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा के कम से कम पाँच महत्त्वपूर्ण आदर्शों का उल्लेख कीजिए और आधुनिक भारतीय शिक्षा के लिए उनकी उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे? वैदिक काल में प्रचलित शिक्षा के मुख्य गुण एवं दोष बताइए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य क्या थे?
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के प्रमुख गुण बताइए।
- प्रश्न- प्राचीन काल में शिक्षा से क्या अभिप्राय था? शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे?
- प्रश्न- वैदिककालीन उच्च शिक्षा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा में प्रचलित समावर्तन और उपनयन संस्कारों का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान का विकास तथा आध्यात्मिक उन्नति करना था। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक काल में प्राचीन वैदिककालीन शिक्षा के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक शिक्षा में कक्षा नायकीय प्रणाली के महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं? शिक्षा के विभिन्न सम्प्रत्ययों का उल्लेख करते हुए उसके वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा का अर्थ लिखिए।
- प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शिक्षा के दार्शनिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के समाजशास्त्रीय सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के राजनीतिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के आर्थिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के मनोवैज्ञानिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- क्या मापन एवं मूल्यांकन शिक्षा का अंग है?
- प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए। आपको जो अब तक ज्ञात परिभाषाएँ हैं उनमें से कौन-सी आपकी राय में सर्वाधिक स्वीकार्य है और क्यों?
- प्रश्न- शिक्षा से तुम क्या समझते हो? शिक्षा की परिभाषाएँ लिखिए तथा उसकी विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- शिक्षा का संकीर्ण तथा विस्तृत अर्थ बताइए तथा स्पष्ट कीजिए कि शिक्षा क्या है?
- प्रश्न- शिक्षा का 'शाब्दिक अर्थ बताइए।
- प्रश्न- शिक्षा का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसकी अपने शब्दों में परिभाषा दीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा की दो परिभाषाएँ लिखिए।
- प्रश्न- शिक्षा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आपके अनुसार शिक्षा की सर्वाधिक स्वीकार्य परिभाषा कौन-सी है और क्यों?
- प्रश्न- 'शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया है।' जॉन डीवी के इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
- प्रश्न- 'शिक्षा भावी जीवन की तैयारी मात्र नहीं है, वरन् जीवन-यापन की प्रक्रिया है। जॉन डीवी के इस कथन को उदाहरणों से स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा विज्ञान है या कला या दोनों? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ को स्पष्ट कीजिए तथा शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा और साक्षरता पर संक्षिप्त टिप्पणी दीजिए। इन दोनों में अन्तर व सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षण और प्रशिक्षण के बारे में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्या, ज्ञान, शिक्षण प्रशिक्षण बनाम शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्या और ज्ञान में अन्तर समझाइए।
- प्रश्न- शिक्षा और प्रशिक्षण के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।